कविता संग्रह >> चुप्पी वाले दिन चुप्पी वाले दिनमालिनी गौतम
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पिछले कुछ वर्षों से मालिनी गौतम की कविताओं ने पाठकों का ध्यान आकर्षित किया है। विभिन्न माध्यमों में उनकी कविताँ पढ़ी और सराही भी गयी हैं। ‘चुप्पी वाले दिन’ मालिनी का तीसरा कविता संग्रह है। इस संग्रह की कविताएँ एक युवा कवयित्री की परिपक्व रचनाओं से साक्षात्कार कराती हैं। इन कविताओं में न तो अनगढ़पन है, न एकरसता और न ही कमज़ोर अभिव्यंजना। यहाँ कवयित्री की सुचिन्तित काव्यदृष्टि है और भरपूर ताज़गी भी। इसकी कविताएँ हमें नये अनुभव संसार में पहुँचाती हैं। टटकी संवेदनाओं के आधार पर नये सिरे से जगाती हैं और थोड़े ठहराव के साथ सोचने के लिए मजबूर भी करती हैं। इस संग्रह में समय, समाज और लोक को अपने ढंग से देखने और समझने का मौलिक प्रयास है। मालिनी गौतम की कविताएँ उलझाती नहीं, सीधे हृदय में उतरती हैं। गम्भीर से गम्भीर मुद्दों, समस्याओं, सन्दर्भों और परिप्रेक्ष्य को अत्यन्त सहज ढंग से व्यक्त करती हैं।
—अरुण होता
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